आखिर क्यों कार्यवाहक कुलपति और कार्यवाहक कुलसचिव भगवान श्रीराम के गुरु के नाम पर बनी ऋषि वशिष्ठ वाटिका को कर रहे अनदेखा।

Tue 24-Sep-2024,12:17 AM IST +05:30

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आखिर क्यों कार्यवाहक कुलपति और कार्यवाहक कुलसचिव भगवान श्रीराम के गुरु के नाम पर बनी ऋषि वशिष्ठ वाटिका को कर रहे अनदेखा।
  • हिंदी विश्वविद्यालय में भगवान श्रीराम के गुरु ऋषि वशिष्ठ का अपमान- कार्यवाहक कुलपति और कुलसचिव खामोश।

  • लगभग चार माह से नहीं हो पाई है मरम्मत जबकि विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर के. के. सिंह व कार्यवाहक कुलसचिव डॉ आनंद पाटील ऋषि वशिष्ठ वाटिका के 100 मीटर की दूरी पर निवास करते हैं।

  • यह भी सुनने में आ रहा है कि हिंदी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी हैदराबाद विश्वविद्यालय से भी जुड़े रहे हैं इस कारण एक विशेष विचारधारा के होने के कारण भी भगवान श्रीराम के गुरु ऋषि वशिष्ठ के नाम से इस वाटिका को विकसित किया जा रहा है इसलिए भी इसकी उपेक्षा की जा रही है।

Maharashtra / Wardha :

वर्धा, आज हम आपको agcnn news पर प्रकाशित एक विशेष रिपोर्ट के संदर्भ में बताने जा रहे हैं, मामला जुड़ा है सीधे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से जहां पर ऋषि वशिष्ठ वाटिका के शिलापट को जून माह में कुछ शरारती तत्वों के द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इस संदर्भ में ऋषि वशिष्ठ वाटिका के क्षतिग्रस्त होने का समाचार पिछले दिनों 5 जून 2024 को लोकमत टाइम्स ने प्रकाशित किया और और उसी समय नवभारत समाचारपत्र ने वशिष्ठ वाटिका के क्षतिग्रस्त होने संबंधी खबरों का प्रकाशन किया था। उसके बाद भी विश्वविद्यालय का प्रशासन नहीं जागा और ऋषि वशिष्ठ वाटिका के क्षतिग्रस्त शिलापट को को सफेद कपड़े से ढक दिया गया उस समय भी agcnn news ने तत्परता के साथ क्षतिग्रस्त शिलापट की खबर को प्रकाशित किया।

आप सोंचिए विश्वविद्यालय प्रशासन कितना लापरवाह है कि पिछले तीन-चार माह में वह ऋषि वशिष्ठ वाटिका के उस क्षतिग्रस्त शिलापट को दोबारा नहीं बना पाया यह जिम्मेदारी आखिर किसकी है विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलसचिव की या फिर किसी आम आदमी की।

अब हम बात करते हैं कि आखिर agcnn news को ऋषि वशिष्ठ वाटिका के क्षतिग्रस्त शिलापट के समाचार को फिर से अपने दर्शकों को दिखाना क्यों जरूरी समझा। agcnn news  ने क्षतिग्रस्त शिलापट के समाचार को फिर से 23 सितंबर 2024 को प्रकाशित किया और दिखाया, क्योंकि अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस क्षतिग्रस्त शिलापट को नहीं बनवाया गया।

लेकिन यहां पर आप देखिए की agcnn  news पर ऋषि वशिष्ठ वाटिका के क्षतिग्रस्त शिलापट की खबर के प्रकाशित होने के बाद प्रशासन के कुछ चापलूशों ने agcnn news पर कमेंट किया यहां समाचार पर किए गए इन कमेंटों के संदर्भ में आपको बताना बहुत जरूरी है कि वह कौन लोग हैं कि वह कौन लोग हैं जिन्होंने कमेंट किया पहला कमेंट आता है मैडम है जिनका आईडी है @dr.meeranichale1444 इन्होंने लिखा है- यह कौन सा चैनल है जो ऐसी झूठी खबर फैला रहा है। डॉ मीरा निचले शायद खबर को देखना भूल गई और वह कमेंट उन्होंने जल्दबाजी या फिर दबाव में कर दिया। क्योंकि उन्होंने यह ऋषि वशिष्ठ वाटिका के क्षतिग्रस्त शिलापट को जरूर ही देखा होगा। यह स्थिति है डॉ मीरा निचले जो यह पूछ रही है कमेंट में कि यह कौन सा चैनल है शायद वह इतना पढ़ी-लिखी ना हो लेकिन एक बात साफ है कि उनके आइकन पर क्लिक करने से हम उनके यूट्यूब चैनल पर पहुंच जाते हैं मतलब वह खुद यूट्यूब चैनल चला रही हैं और वह इस तरह के सवाल पूछती हैं भ्रष्टाचार को कहीं ना कहीं वह बढ़ावा दे रही हैं सच को जानते हुए भी इस तरह से लिखना यह नैतिक रूप भ्रष्ट होना है।

वही दूसरा कमेन्ट किसी @dr.balajichirade4944 का है। डॉ बालाजी चिराडे का है, क्या लिखते हैं ? इसको समझ पाना बहुत कठिन काम है ना वह हिंदी लिखते हैं ना वह मराठी लिखते हैं लेकिन क्या लिखते हैं यह वही समझ पाते हैं लेकिन एक बात स्पष्ट है कि वह agcnn news चैनल की शिकायत जरूर कर रहे हैं और उसे बंद/रिपोर्ट करने की बात अपने लेखन में कह रहे हैं। अपने आप को डॉक्टर लिखने वाले यह समाज के ऐसे भ्रष्टाचारी हैं जो सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। और इसी तरह तीसरा कमेन्ट भी है।

जरा सोचिए हमारा समाज और समाज के लोग कितने घटिया किस्म के हो गए हैं जो सच बात कहने से डरते हैं हिम्मत नहीं दिखाते हैं लोगों को गुमराह करते हैं सच सामने होते हुए भी उसे देखना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि सच कहने के लिए सच की ताकत चाहिए, हिम्मत चाहिए जो शायद यूट्यूब चैनल पर कमेन्ट लिखने वाले इन लोगों में नहीं है। समाचार में स्पष्ट रूप से क्षतिग्रस्त शिलापट की फोटो है क्या एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय क्षतिग्रस्त शिलापट को बनवाने में असमर्थ है, भगवान श्री राम के गुरु ऋषि वशिष्ठ के नाम पर बनी यह वाटिका का लोकार्पण 22 जनवरी, 2024 अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही हुआ था।

हिंदी विश्वविद्यालय में वशिष्ठ वाटिका का लोकार्पण वर्धा के सांसद रामदास तडस के हांथों हुआ था। वशिष्ठ वाटिका के लोकार्पण समारोह में जिला कलेक्टर श्री राहुल कर्डीले और वर्तमान जिला पुलिस अधीक्षक नूरुल हसन के साथ–साथ वर्धा के अनेक गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। एक लंबे समय तक क्षतिग्रस्त शिलापट की मरम्मत न करना क्या यह भगवान श्री राम व उनके गुरु ऋषि वशिष्ठ का अपमान नहीं है। जबकि विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलसचिव आनंद पाटिल अपने घर की साज-सज्जा में जुटे है। यह घोर लापरवाही है।

ऋषि वशिष्ठ वाटिका का पत्थर एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में चार-चार महीने मरम्मत की राह देख रहा है और ऐसे में कमेंट करने वाले लोग किस सोच के होंगे यह आप अंदाजा लगाइए। ऐसे ही लोग समाज को भ्रष्ट करते हैं, समाज में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं, सच की ताकत सच को सच कहने की ताकत इन लोगों में नहीं होती है, सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलने वाले का सहयोग करते हैं agcnn news ऐसे ही समाचारों को प्रकाशित/प्रसारित करता रहेगा और ऐसे भ्रष्टाचारियों को समाज के सामने लाने का अपना दायित्व निभाता रहेगा दर्शकों के द्वारा मिल रहा प्यार हमारे लिए काफी उत्साहवर्धक है, शुक्रिया दर्शकों agcnn के समाचारों पर विश्वास करने के लिए।